एक बार की बात है की काव्य अपने दोस्तों के साथ सुभ सुभ मोर्निंग वाक पर गया हुवा था बहार ठण्ड थी और हल्का कोहरा लगा हुवा था महिना भी तो जनवरी का था
सभी दोस्त एक ही सोसाइटी में रहते हैं वे जॉगिंग करते हुए जाते थे और लगभग 2 किलोमीटर के बाद वापस वाक करते हुए आते थे
एक दिन जब वे जॉगिंग करते हुए जा रहे थे तो उन्होंने देखा सड़क के बीच में कुछ पड़ा हुवा है उजाला अभी होना बाकि था तो साफ़ साफ़ नहीं दिख रहा था जिस सड़क पर वो जॉगिंग करते हैं वहां शायद ही कभी कोई गाडी आती थी इसलिए उस इलाके के सभी लोग मोर्निंग वाक और जॉगिंग के लिए उसी पर जाते हैं जब दोड़ते हुए पास पहुंचे तो देखा एक कुत्ता है उन्होंने बहुत गौर नहीं किया और आगे बढ़ गए जब वे वापस वाक करते हुए आये तब तक उजाला हो गया था तो उन्होंने देखा वह एक कुत्ता था पर उस द्रश्य को देख काव्य का दिल असीम वेदना दुःख और दया से भर गया उसने देखा वह मारा हुवा था और उसका एक छोटा सा puppy ठण्ड में कांपते हुए उसके साथ ही उसे लिपटे हुए उसका दूध पीने की कोशिश कर रहा था शायद वह उसकी माँ थी रात को किसी गाडी ने उसे कुचल दिया वह सही से चल भी नहीं पा रहा था उसकी आँखें भी बंद थी शायद एक्सीडेंट के बाद ही उसका जन्म हुवा था और अपने सभी भाई बहनों में वह ही जिन्दा बच पाया था
यह द्रश्य देखा तो हजारों लोगों ने था और काव्य के दोस्तों ने भी पर न जाने काव्य पर उस द्रश्य ने ज्यादा प्रभाव छोड़ा था उसका दिल और दिमाग में बस यही चल रहा था की अब इस बेचारे puppy का क्या होगा वो तो बहुत छोटा था
यह सोचते हुए वह अभी आगे ही बढ़ था की अचानक अपने दोस्तों को बिना कुछ कहे पीछे मुड़ा और उस नन्हे से puppy को उठा लाया वह puppy देखने में बहुत सुन्दर और प्यारा था शायद ही कोई एसा हो जो उसे देख उसे अपनी गोद में पकड़ना और उस पर हाथ फेरना न चाहता हो
काव्य ने उसका नाम viber रक्खा काव्य के घर में उसकी माँ छोटी बहन ही है पिता फोज में हैं और नेफा में पोस्टेड हैं उनकी ट्रान्सफर अभी हाल में ही हुई है
काव्य ने viber के रहने के लिए बहुत सुन्दर सा सॉफ्ट टॉय वाला घर खरीदा है
चाहे बच्चे इन्सान के हों जानवरों के या पेड़ पोधों के पाले तो प्यार और नाजुकता से ही जाते हैं काव्य भी उसे इन्सान के छोटे बच्चे की ही तरह पाल रहा है उसके लिए छोटे बच्चे को दिया जाने वाला सेरेलैक और दूध खरीद लाया है
viber भी उसे खाने में बड़ा खुश रहता है जेसे ही उसे दूध और सेरेलैक की खुशबु आती वह उच्चल कूद मचा देता उस समय वह किसी उद्दंड बच्चे की तरह ही हरकत करता और कोई भी कहना नहीं मानता आखिर था तो वह भी एक छोटा बच्चा
जैसे जैसे viber बड़ा होने लगा सबका प्यार उसके प्रति और बढने लगा काव्य उसका इतना ध्यान रखता था की viber देखने में किसी भी विदेशी नश्ल के कुत्ते को भी मात दे दे
viber केवल नाम विदेशी था पर वह था पूरा हिन्दुस्तानी नस्ल का
जब हम देशी नस्ल के कुत्तों को पालते है उन्हें हम उन्हें वेसे नहीं पलते जेसे विदेशी नस्ल के कुत्तों को पालते हैं यही कारण है की विदेशी नस्लों के कुत्ते जायद सुन्दर और अच्छे दीखते हैं
क्यूंकि काव्य ने viber का ध्यान बिलकुल वेसे ही रखा था जैसे विदेसी नस्ल के कुत्तों को पलने के लिए किया जाता था समय पर उसका vaccination, deworming और उसके बालों की grooming.
लगभग १० महीनो में ही viber आम कुत्तों से देखने में भी बहुत बड़ा शानदार और शालीन कुत्ते में विकसित हो गया था viber की आँखों में अलग सी चमक थी और जो भी उसे देखता था मत्र्मुग्द हो जाता था वह बहुत ही शानदार दिखाई देता था उसे काव्य ने हर तरह की कमांड सिखाई थी अब परिवार में चार सदस्य थे काव्य उसकी माँ बहन और viber
viber इतना स्म्वादेंसील था की घर के दरवाज पर किसी के पहुँचने और डोर बेल बजने से पहले ही भौंक कर सबको आगाह कर देता था उसकी अपने और पराये कोन हैं पहचानने की अद्भुद छमता थी
उसके रहते शायद ही किसी की मजाल हो की कोई घर में बिना बताये घुस जाये या फिर कुछ छु भी ले
viber यूँ तो प्यार घर के सभी सदस्यों से करता था पर काव्य से उसका सम्बन्ध कुछ ज्यादा ही घनिष्ट था वह बिना काव्य के खाना नहीं खता था उसके साथ मोर्निग वाक पर जाता था और जब काव्य अपने कॉलेज जाता था तो भी उसके साथ जाने की कोशिश कर