दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

मानस, बाल, दो. 7-7क और चौ 8.1


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जड़ चेतन सभी वस्तुयें कुसंग और सुसंग के अनुसार गुण और यशको प्राप्त करती हैं। शुक्लपक्ष और कृष्णपक्ष में प्रकाश और अन्धकार की अवधि एक समान होती है। किन्तु, शुक्लपक्ष का चन्द्रमा बृद्धिक्रम में और पोषक गुण वाला होता है जबकि कृष्णपक्षमें ह्रासक्रममें और शोषक गुण वाला होता। इसी कारण एकका नाम उजाले का बोधक और दूसरेका नाम कालिमा का बोधक हो गया। गोस्वामी तुलसीदास जी सज्जन दुर्जन शुभ अशुभ सबको ब्रह्ममय देखते हुये प्रणाम करते हैं। "जड़ चेतन जग जीव जत सकल राममय जानि।" "सीयराममय सब जग जानी"।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati