दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वती

मानस, बालकाण्ड, 13.2-5 एवं 14.1-3.


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गयी बहोर गरीब नवाजू।
सरल सबल साहिब रघुराजू।।
यह पंक्ति सनातन धर्म के पुनरुत्थान को और ख्वाजा चिश्ती और अकबर के विरुद्ध भी लक्षित है। तुलसीदासजी कहते हैं कि खोई वस्तु को वापस लाने अथवा बिगडी़ को बनाने वाले केवल श्रीराम हैं। गरीब नवाज चिश्ती नहीं, केवल श्रीराम हैं।सबल अकबर नहीं, केवल श्रीराम हैं। साहिब का अर्थ स्वामी । साहिब के स्थान पर स्वामी या स्वामि शब्द का प्रयोग कर सकते थे। इससे चौपाईमें काव्य सम्बन्धी किसी प्रकार का दोष नहीं होता। बराबर मात्रायें हैं। किन्तु साहिब शब्द का प्रयोग अकबर के लिये होता था, उसी को सर्वशक्ति सम्पन्न सबका स्वामी मानने का दबाव था। अतः तुलसीदास जी ने कहा कि साहिब केवल श्रीराम हैं।
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दण्डी स्वामी सदाशिव ब्रह्मेन्द्रानन्द सरस्वतीBy Sadashiva Brahmendranand Saraswati