अमृता प्रीतम पहली महिला लेखिका थीं जिन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। इसके अलावा भारतीय ज्ञानपीठ, पद्म श्री, पद्म विभूषण, पंजाब रत्न सम्मान से सम्मानित अमृता प्रीतम ने 31 अक्टूबर 2005 को आख़िरी सांस ली...आज अमृता प्रीतम की पुण्यतिथि है..यह कविता उन्होंने अपने आखिरी दिनों में इमरोज़ जी के लिए लिखी थी । इस कविता का एक एक लफ्ज़ प्यार का प्रतीक है । अमृता बहुत बीमार थी उन दिनों ...वह अपने आखिरी दिनों में अक्सर तंद्रा में रहती थी । कभी कभी एक शब्द ही बोलती लेकिन इमरोज़ के लिए हमेशा मौजूद रहती पहले की तरह ही हालांकि इमरोज़ पहले की तरह उनसे बात नही कर पाते थे पर अपनी कविता से उनसे बात करते रहते