PoojaA Sharma

मन का पंछी करे सवाल, चारों और ये कैसा बवाल, कोई हंसे तो कोई रोये, फिर भी झूठे सपने संजोए।


Listen Later

मन का पंछी करे सवाल, चारों और ये कैसा बवाल,
कोई हंसे तो कोई रोये, फिर भी झूठे सपने संजोए,
मन का पंछी करे सवाल,चारों और ये कैसा बवाल।
जितनी छोटी जिंदगी, उतनी छोटी सोच,
यहां रोटी की नहीं, कुचलने और आगे बढ़ने की भूख,
जितना अहंकारी, उतना सबपे भारी,
झूठी शान, झूठी इज्जत का अधिकारी,
लेकिन फिर भी जितने की बाजी मारी,
क्योंकि अंधों की बस्ती में काने राजा की सवारी।
मन का पंछी करे सवाल, चारों और ये कैसा बवाल।
ये कैसा इंसान जो बूने जाले, फिर हाहाकार कर दुनिया को भ्रम में डाले,
छल, कपट और ईर्ष्या द्वेष इसके सुखद प्याले।
मन का पंछी करे सवाल, चारों और ये कैसा बवाल।
झूठ बोलने पर लगे लॉटरी,
सच बोले, तो छूटे प्यारी नौकरी,
तलवे चाटे , तो तरक्की की पूरी तैयारी,
बस यही कशमकश, सबके मन में जारी
न जाने कब तक यही कार्यक्रम जारी।
हज़ारों उल्झनों में फसे अलफ़ाज़, मन का पंछी करे सवाल,
चारों और ये कैसा बवाल।
-पूजा शर्मा
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

PoojaA SharmaBy PoojaA Sharma