व्यक्ति जन्म से श्रेष्ठ नहीं होता, उसके सद्गुण, उसका आदर्श व्यवहार और मधुर वाणी ही उसको श्रेष्ठ बनाते है। आंतरिक गुणों का अंतर ही व्यक्ति को उत्तम या अधम बनाता है- खानदान का प्रभाव नहीं।
व्यक्ति जन्म से श्रेष्ठ नहीं होता, उसके सद्गुण, उसका आदर्श व्यवहार और मधुर वाणी ही उसको श्रेष्ठ बनाते है। आंतरिक गुणों का अंतर ही व्यक्ति को उत्तम या अधम बनाता है- खानदान का प्रभाव नहीं।