महादेव की नगरी काशी अद्भुत रहस्यो से भरी हुई है काशी में जब शाम ढल जाती है और गंगा आरती के बाद चांद निकलता है तब वाराही माता का दिन शुरू होता है। वाराही रात्रि की देवी हैं इसलिए उन्हें धूम्र वाराही और धूमावती के नाम से भी जाना जाता है। माँ धूमावती १० महाविद्याओं में आती है जिनकी महत्वता तंत्र साधना में है इनकी साधना माघ में आने वाले गुप्त नवरात्री में रात्रि में करते है। कहते हैं कि माता सती का जब दांत काशी में गिरा तो उससे माता वाराही उत्पन्न हुईं। इस एपिसोड में हम जानेंगे काशी की क्षेत्र पालिका माता वाराही के धाम जिसे पंचसागर शक्तिपीठ भी कहते है। इस मंदिर में तमाम ग्रह नक्षत्र मां की पूजा अर्चना के लिए यहां आते हैं। इसी तरह संध्याकाल में भूत, प्रेत, पिशाच, जिन्नात, यक्ष और यक्षिणी यहां हाजिरी लगाते हैं। उस वक्त गलती से भी मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए। जिन लोगो ऐसा करने का प्रयास किया उनके साथ अहित हुआ।
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