दोस्तों आज की हमारी कहानी "जैसा खाओ अन्य वैसा होए मन" से हमारा तात्पर्य है की अगर हम ईमानदारी की कमाई खाएंगे तो हम कोई भी गलत कार्य दिया नहीं कर सकते हैं और अगर हम बेईमानी की कमाई खाते हैं तो हम अच्छे कार्य नहीं कर सकते हैं इसलिए सदैव इमानदारी की राह पर चलें धन्यवाद धन्यवाद और धन्यवाद