प्रकाशितवाक्य 2.12–17 पिरगमुन की कलीसिया: जहां शैतान का सिंहासन था।
पिरगमुन की कलीसिया वह स्थान था जहा शैतान खुद ही अपने सिंहासन की रखे था। इस स्थान में सताव के साथ लुभावने पाप और झूठी शिक्षाएं भी उपस्थित थी। परंतु प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य लोग भी यहाँ उतनी ही दृढ़ता से मौजूद थे।
प्रकाशितवाक्य 2.12–17 पिरगमुन की कलीसिया: जहां शैतान का सिंहासन था।
पिरगमुन की कलीसिया वह स्थान था जहा शैतान खुद ही अपने सिंहासन की रखे था। इस स्थान में सताव के साथ लुभावने पाप और झूठी शिक्षाएं भी उपस्थित थी। परंतु प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य लोग भी यहाँ उतनी ही दृढ़ता से मौजूद थे।