पर्यावरण के प्रति हमारी चिंता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। समाज को जागरूक करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व कागज़, काँच, प्लास्टिक आदि पर कुछ कविताएँ लिखी थीं। आज उन्हें आप सभी के साथ साझा कर रही हूँ। आशा करती हूँ आपको पसंद आएँगी।
पर्यावरण के प्रति हमारी चिंता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। समाज को जागरूक करने के लिए कुछ वर्ष पूर्व कागज़, काँच, प्लास्टिक आदि पर कुछ कविताएँ लिखी थीं। आज उन्हें आप सभी के साथ साझा कर रही हूँ। आशा करती हूँ आपको पसंद आएँगी।