शिक्षा सिर्फ किताब के पन्नों से और एक सर्टिफिकेट मिल जाने से व्यक्तित्व का निर्माण कतई नहीं कर सकता तालीम हकीकी सवाल है ज्ञान बुद्धि और विवेक को तार्किक बनाना उसके अंतः स्थल को समझना जहां मनुष्य प्रकृति जीवन काल उपयोग उपभोग ऐसे तमाम चीजों की समझ जिसे शिक्षा से उत्पन्न होती है वही जीवन और प्रकृति के साथ न्याय कर सकता है