आज देश का मध्यमवर्ग सबसे ज्यादा शुरू से जिस तरह से पिसता रहा था उसे एक उम्मीद थी कि उसके लिए भी अब सोचा जाएगा लेकिन हम और रसातल में चले जा रहे हैं यह सिर्फ मेरी अभिव्यक्ति शब्दों के रूप में मेरी आवाज के रूप में है लेकिन यह कहर मध्यम वर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय के अंदर में घुटता हुआ दर्द है