राधारानी को प्रसन्न करने के लिए महादेव ने स्वयं ये स्तोत्र माता पार्वती को सुनाया था. इस स्तोत्र में राधारानी के श्रृंगार, रूप और करूणा का वर्णन किया गया है. कहा जाता है कि श्रद्धा के साथ यदि इस स्तोत्र का पाठ किया जाए तो ये सभी सांसारिक इच्छाओं को पूरा कर सकता है.