रामचरित्र मानस, नवधा भक्ति और शिव विवाह का अद्भूत संवाद श्री दीपक पालीवाल के साथ |यह शुभ संभू उमा स्मवादा - सुख संपादन समन विसादा यह संवाद जासु उर आवा - रघुपति चरन भगति सोई पावा . प्रियजन सादर प्रणाम जय सियाराम रामचरित लोक जीवन में लोक कहानी कभी दादी नानी के कथानक के रूप में युगों युगों से कहे - गाए और जीए जा रहे है| मूल रूप से भगवान शिव और जगदम्बा शिवा के बीच में हुई यह बातचीत यह संवाद, आप सभी के सामने भगवान शिव और उमा के मिलन और उनकी भक्ति के नौ रूप लेकर आप सभी के सामने बातचीत के रूप में रखी जा रही है | . जिसके स्मांवाद मनोरथी है, श्री दीपक पालीवाल . विषय: भगवान शिव और रामचरित मानस में नवधा भगति है।