Vedic Broadcast

ऋग्वेद मण्डल 1. सूक्त 22. मंत्र 11


Listen Later

अ॒भि नो॑ दे॒वीरव॑सा म॒हः शर्म॑णा नृ॒पत्नीः॑। अच्छि॑न्नपत्राः सचन्ताम्॥ - ऋग्वेद 1.22.11 


पदार्थ -

हे (यविष्ठ) पदार्थों को मिलाने वा उनमें मिलनेवाले (अग्ने) क्रियाकुशल विद्वान् ! तू (इह) शिल्पकार्य्यों में (अवसे) प्रवेश करने के लिये (ग्नाः) पृथिवी आदि पदार्थ (होत्राम्) होम किये हुए पदार्थों को बहाने (भारतीम्) सूर्य्य की प्रभा (वरूत्रीम्) स्वीकार करने योग्य दिन रात्रि और (धिषणाम्) जिससे पदार्थों को ग्रहण करते हैं, उस वाणी को (आवह) प्राप्त हो॥


-------------------------------------------

(भाष्यकार - स्वामी दयानंद सरस्वती जी)

(सविनय आभार: www.vedicscriptures.in)


...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

Vedic BroadcastBy This podcast is brought to you by Gaurashtra.com