यूँ तो साथ बेईमानी है, मगर बिना साथ के कहाँ ही कोई कहानी है। मुझे "forever" में विश्वास नहीं मगर साथ में है। तुम मेरा साथ केवल तब तक देना, जब तक तुम्हें मेरा साथ बेहतर लगे, मगर जब तक लगे, तब तक साथ पूरा लगे...
यूँ तो साथ बेईमानी है, मगर बिना साथ के कहाँ ही कोई कहानी है। मुझे "forever" में विश्वास नहीं मगर साथ में है। तुम मेरा साथ केवल तब तक देना, जब तक तुम्हें मेरा साथ बेहतर लगे, मगर जब तक लगे, तब तक साथ पूरा लगे...