
Sign up to save your podcasts
Or
शामे शायरी की इस पहली महफ़िल हम याद कर रहे हैं फिराक गोरखपुरी साहब को, और अपनी ग़ज़लों और आशारों से शाम को दिलकश बना रहे हैं, शायर बकर, अली अफजल, सुधा, राजेश, शिव शंभू, अजीत पांडे, सुनीता यादव और सुहैल हाशमी साहब, सुनिए और डूब जाईए अदब और शायरी की इस महफ़िल में
शामे शायरी की इस पहली महफ़िल हम याद कर रहे हैं फिराक गोरखपुरी साहब को, और अपनी ग़ज़लों और आशारों से शाम को दिलकश बना रहे हैं, शायर बकर, अली अफजल, सुधा, राजेश, शिव शंभू, अजीत पांडे, सुनीता यादव और सुहैल हाशमी साहब, सुनिए और डूब जाईए अदब और शायरी की इस महफ़िल में