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इस अध्याय में ब्रह्माजी कैलाश पर्वत जाकर भगवान शिव को प्रजापति दक्ष की स्वीकृति का समाचार देते हैं। शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और विवाह हेतु तत्पर हो जाते हैं। नारद और ब्रह्मा जी विवाह का संदेश लेकर दक्ष के पास जाते हैं। शुभ मुहूर्त तय होते ही चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव देवी सती की बारात लेकर कैलाश पर्वत से निकलते हैं। इस भव्य विवाह यात्रा में भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, सरस्वती सहित सभी देवता और ऋषि शामिल होते हैं।
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शिव सती विवाह, शिव पुराण हिंदी, सती का विवाह, भगवान शिव की बारात, दक्ष कन्या सती, ब्रह्मा नारद संवाद, कैलाश पर्वत विवाह, शिव जी की कथा, सती शिव मिलन, शिव विवाह कथा, देवों का विवाह उत्सव
इस अध्याय में ब्रह्माजी कैलाश पर्वत जाकर भगवान शिव को प्रजापति दक्ष की स्वीकृति का समाचार देते हैं। शिवजी अत्यंत प्रसन्न होते हैं और विवाह हेतु तत्पर हो जाते हैं। नारद और ब्रह्मा जी विवाह का संदेश लेकर दक्ष के पास जाते हैं। शुभ मुहूर्त तय होते ही चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव देवी सती की बारात लेकर कैलाश पर्वत से निकलते हैं। इस भव्य विवाह यात्रा में भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, सरस्वती सहित सभी देवता और ऋषि शामिल होते हैं।
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