इंसान जिस भी घर परिवार में जन्म लेता है, ये उसकी मर्ज़ी पर निर्भर नहीं होता। किसी की किस्मत में संघर्ष और किसी को चांदी का चम्मच मिलता है। कोई दलित हो या राजा ...इंसान तो वो अपने कर्मों से बनता है। ऐसे ही अर्थों को समवेशित करती हुई ये कहानी लिखी गयी है, जिसे आप सुनें इस पॉडकास्ट के माध्यम से....