ये कहानी शकुंतला बृजमोहन के कहानी संग्रह चक्रव्यूह की तीसरी कहानी है।
निशा ने अपने सौतेले बेटे को मारने के बाद खुद ज़हर खा लिया। उसने अपनी ससुराल के दो चिरागों को बचाने के लिए और एक चिराग की करतूतें सबके सामने लाने के लिए ऐसा किया। क्या थीं ऐसी परिस्थितियाँ, जिनके कारण उसको ऐसा करना पड़ा और ऐसा करने पर उसको निशा की जगह उषा की किरणों से खानदान को बचाने वाली कहकर पुरस्कृत भी किया गया......सुनें कहानी एक ही रास्ता।