प्रस्तुत कहानी 'सिसकती ज़िंदगी' लेखिका शकुंतला बृजमोहन के कहानी संग्रह 'चक्रव्यूह' की चौथी कहानी है। वेणु और शैलेश की एक ऐसी प्रेम कहानी जिसमें एक भूल से उपजी परेशानियाँ, एक हादसे के कारण विरह वेदना और एक गलतफहमी के कारण दोनों की ज़िंदगी कुछ यूँ बुनी हुई है कि प्रेम के बावजूद सिसकने को मजबूर हो गयी....