इब्राहिम बलखके बादशाह थे सांसारिक विषय भोगों से उपग्रह फकीरों का सत्संग करने लगे। एक दिन उन्हें किसी फरिश्ते की आवाज सुनाई दी मौत आकर तुझे झकझोर है इससे पहले ही जाग जा अपने को जान ले कि तू कौन है और इस संसार में क्यों आया है यह आवाज सुनते ही संत इब्राहिम की आंखों से अश्रु धारा बहने लगी उन्हें लगा कि बादशाह हद के दौरान अपने को बड़ा मानकर उन्होंने बहुत बड़ा गुनाह किया है ईश्वर से उनके नामों की माफी मांगने लगे एक दिन वे राजपाट त्याग कर चल दिए निशापुर की गुफा में एकांत साधना कर उन्होंने काम क्रोध लोभ आदि आंतरिक दुश्मनों पर विजय पाई ।