महर्षि व्यास ने विश्वनाथ के नाम से जिस शिव तत्व की कल्पना की थी, वह हमारे शरीर में व्याप्त है। इसलिए आद्य शंकराचार्य ने अपने भजन में कहा है कि शरीर काशी है, और इस शरीर में आत्मा के रूप में भगवान विश्वनाथ विराजमान हैं, जो पूरे ब्रह्मांड के साक्षी हैं। विश्वनाथाष्टकम् श्री व्यास महर्षि द्वारा रचित एक अद्भुत रचना है।इस विश्वनाथाष्टकम् स्तोत्र को जो साधक श्रद्धा के साथ सुनता या पढ़ता है, उसे इसी जन्म में विद्या, धन, कीर्ति और अनंत सुख की प्राप्ति होती है।
साधक को मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है।
#shiv #vishwanathashtakam #shiva #shivmantra #vishwanath #श्रीविश्वनाथाष्टकमस्तोत्र #shivji #shivstotram
#shivbhajan #shivmantra #divyavaniofficial