भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का अहम स्थान है यह एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जिसमें शिव-पार्वती दोंनो एक साथ स्थापित हैं। आंध्रप्रदेश के कुरनूल में ब्रह्मगिरी पर्वत पर जिसे दक्षिण का कैलाश भी मानते हैं यहां कृष्ना नदी के तट पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग में आज भी हर रोज महादेव और माता पार्वती का विवाह कराया जाता है। यहां मल्लिका मां पार्वती को और अर्जुन भगवान शिव को कहते हैं। इसी मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में स्थित है श्रीशैलम शक्तिपीठ। जहां माता सती की ग्रीवा यानी गर्दन या neck का निपात हुआ था।
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