यह भक्तों का प्रिय मंत्र हैै। 43 छंदों के इस स्तोत्र में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है। इस स्तुति को गाकर पुष्पदंत ने शिव जी को प्रसन्न किया था और अपनी खोई हुई दिव्य शक्तियों को प्राप्त किया था।
शिव की बड़ी सुंदर स्तुति का वर्णन आया है। इसे शिव महिम्न स्त्रोत के नाम से जाना जाता है। शिव महिम्न स्त्रोत का पाठ करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। पापों का नाश होता है। मन निर्मल हो जाता है।