श्रीमद् भगवद् गीता के इस अध्याय में धृतराष्ट्र और संजय के मध्य कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण पर वार्ता कर रहे हैं । और युद्धस्थल में अपने स्वजनों को देखकर अर्जुन करुणा से अभिभूत होकर युद्ध ना करने को कहता है ।
श्रीमद् भगवद् गीता के इस अध्याय में धृतराष्ट्र और संजय के मध्य कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में सैन्यनिरीक्षण पर वार्ता कर रहे हैं । और युद्धस्थल में अपने स्वजनों को देखकर अर्जुन करुणा से अभिभूत होकर युद्ध ना करने को कहता है ।