भवानी प्रसाद मिश्र' नई कविता ' युग के कवि हैं । कुछ वर्ष पहले बैतूल ज़िले की एक संस्था 'भारत- भारती' ने उनकी कविता सन्नाटा को , उसी किले की दीवार पर अंकित करने की बात कही , जिस दीवार पर बैठकर उन्होंने यह कविता लिखी थी । नर्मदांचल में जन्मे पं. मिश्र , अक्सर घूमते हुए नर्मदा तट पर स्थित खंडहर में चले जाते थे और वहां घंटों बैठकर नर्मदा को निहारा करते थे। खंडहर होने के कारण यहां ज्यादा लोग नहीं आते थे। इस कारण यहां हमेशा सन्नाटा पसरा रहता था। बाद में उन्होंने यहीं बैठकर सन्नाटा जैसी प्रसिद्घ रचना का सृजन किया। ...