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संतुलन साधना ही योगयुक्त होना है
Yog is about bringing balance to yourself
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं समता ही योग है। समता यानी संतुलन, या मध्यम मार्ग, जब मनुष्य हर परिस्थिति में अपने आप को संभाल लेता है। मन तो यंत्रवत चारो तरफ डोलता है, ये स्वाभाविक है लेकिन जो यंत्रवत है उसे अपने नियंत्रण में रखा जा सकता है। जो मनुष्य मध्यम मार्ग में खुद को साध लेते हैं वो योग युक्त हो जाते हैं। तो क्या तरीका है अपने भीतर स्थिरता और संतुलन लाने का ताकि योग व आनंद को उपलब्ध हुआ जा सके?
Watch Video Here:
https://youtu.be/bLY3i6hDYN8
By Dr. Archika Didiसंतुलन साधना ही योगयुक्त होना है
Yog is about bringing balance to yourself
गीता में भगवान श्री कृष्ण कहते हैं समता ही योग है। समता यानी संतुलन, या मध्यम मार्ग, जब मनुष्य हर परिस्थिति में अपने आप को संभाल लेता है। मन तो यंत्रवत चारो तरफ डोलता है, ये स्वाभाविक है लेकिन जो यंत्रवत है उसे अपने नियंत्रण में रखा जा सकता है। जो मनुष्य मध्यम मार्ग में खुद को साध लेते हैं वो योग युक्त हो जाते हैं। तो क्या तरीका है अपने भीतर स्थिरता और संतुलन लाने का ताकि योग व आनंद को उपलब्ध हुआ जा सके?
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https://youtu.be/bLY3i6hDYN8

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