हर हर महादेव, सबको शुभ प्रभात। जल्दी से कहानी सुन लीजिए। बहुत दिन बाद लाए हैं एक दम ताजा और एक दम प्राचीन शिव विग्रह की कहानी। एक मंदिर है बंगाली टोला स्कूल के पास उस गली को सोनार पूरा कहते हैं। क्या खास है इस मंदिर में। ये जानने के लिए सुनिए मेरा पॉडकास्ट जब एक साल पुराना हो गया है। हर बार में यानी आपकी दोस्त और होस्ट कुछ नया लेकर आती हूं आपके liye।जो होता तो पुराना है बस आप को अभी पता चलता है। खैर नया पुराना बाद में करेंगे पहले कुछ बता दें। ये जो मंदिर है ये तिल bhandesvar महादेव के नाम से जाना जाता है। लोग यहां शनि और उनके चेले राहु और केतु के प्रभाव से मुक्ति पाने केलिए आते हैं। ये विग्रह स्वयंभू है यानी प्रकट हुआ hai। किसी ने बनाया और स्थापित नहीं किया hai। सतयुग से द्वापर तक ये बढ़ता रहा लोगों को लगा कि कहीं कलयुग से पहले ही धरती शिव में समा ना जाए तब काशी के लोगों ने सावन में यहां शिव की खूब पूजा की उनको बुलाया वो आए। जैसा कि सब जानते है वो भोले नाथ हैं वो आए उनसे सबने सविनय निवेदन किया प्रभु रक्षा करिए। वो बोले किस्से।बोले आपके विग्रह से। वो तो रोज बढ़ रहा। ऐसे तो धरती शिव में विलीन हो jayegi। भगवान मुस्कुराए बोले ठीक है में केवल मकर संक्रांति को ही एक तिल बराबर बढ़ा होऊँगा। जो भी मेरी पूजा करेगा उसके कष्ट हर लूँगा। फिर महादेव अंतर्ध्यान हो gaye। तभी से कलयुग में वो केवल तिल बराबर बढ़ते है। यहां शारदा माँ भी आयी और कुछ समय रही। इसलिए अन्नपूर्णा का वास है। लोग यहां दर्शन करने दूर देश से आते hain। आप भी इस बार संक्रांति पर बाबा के दर्शन करना। कुछ और कहानियां हैं जिनको आपको पॉडकास्ट में सुनना चाहिए। जैसे अंग्रेजी हुकूमत को कैसे सबक सिखाया इस विग्रह ने। मुस्लिम सुल्तान की सेना कैसे तीन बार मात खाई। और भी बहुत कुछ। सुनते रहिये और शेयर भी करिए। मेरे द्वारा और आपके सहयोग से किसी और का भला हो जाए तो अच्छा है। हैं ना कृपया इस को मित्रों और घर वालों से शेयर करें। मुझे भी हिम्मत और साहस मिलेगा आपके लिए खोज करने में। बाकी तो महादेव सब देख लेंगे। फिर बात होगी जल्द ही तब तक के लिए आपना ध्यान रखें।