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श्री सुखनन्दन सिंह सदय जी विहंगम योग संस्थान के सबल स्तंभ हैं। आप विहंगम योग की साधना में सन् 1974 से ही जुड़े हुए हैं। आप एक सशक्त लेखक, ख्याति लब्ध कवि, ओजस्वी वक्ता , चिन्तक और साधक होने के साथ - साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। श्री सदय जी बोकारो स्टील प्लांट से महाप्रबन्धक के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद लेखन-कार्य में विशेष अभिरुचि रखते हुए विहंगम योग के प्रचार-प्रसार में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देते आ रहे हैं।
हम सभी बड़े ही सौभाग्यशाली हैं कि COVID-19 लॉकडाउन स्थिति में सद्गुरु कि अपार कृपा से हमें पुनः ऐसे महान सेवक, साधक, चिन्तक, विचारक कि सेवायुक्त अनुभव परक वाणियों को सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
By Vihangam Yogaश्री सुखनन्दन सिंह सदय जी विहंगम योग संस्थान के सबल स्तंभ हैं। आप विहंगम योग की साधना में सन् 1974 से ही जुड़े हुए हैं। आप एक सशक्त लेखक, ख्याति लब्ध कवि, ओजस्वी वक्ता , चिन्तक और साधक होने के साथ - साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। श्री सदय जी बोकारो स्टील प्लांट से महाप्रबन्धक के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद लेखन-कार्य में विशेष अभिरुचि रखते हुए विहंगम योग के प्रचार-प्रसार में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देते आ रहे हैं।
हम सभी बड़े ही सौभाग्यशाली हैं कि COVID-19 लॉकडाउन स्थिति में सद्गुरु कि अपार कृपा से हमें पुनः ऐसे महान सेवक, साधक, चिन्तक, विचारक कि सेवायुक्त अनुभव परक वाणियों को सुनने का अवसर प्राप्त हो रहा है।