भगवान शिव ने ऋषि बुद्धकोशिक को राम रक्षा स्त्रोत को सपने में सुनाया था. जिसे बाद ऋषि ने सुबह उठकर भोजपत्र पर इसे लिखा. राम रक्षा स्त्रोत संस्कृत में लिखा गया है. इसका पाठ किसी भी तरह की बीमारियों और आपदा के दुष्परिणामों को रोकने के लिए किया जाता है. कहा जाता है कि यह सभी प्रकार के संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है.