किसी भी स्टार्टअप फाउंडेशन शादी की तरह होती है जिसमें फाउंडर होता है और उसे अपना को फाउंडर सिलेक्ट करना पड़ता है। और स्टार्टअप के पेरेंट्स फाउंडर और को फाउंडर, इन्वेस्टर, employee होते हैं। जिनकी decision per पूरी कंपनी का फ्यूचर डिपेंड करता है। इसीलिए फाउंडेशन में हमेशा क्लेरिटी होने चाहिए।