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यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्णय है, जो छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं और आत्महत्याओं की रोकथाम पर केंद्रित है। इसमें सुखदेव साहा बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के मामले पर विचार किया गया है, जिसमें एक कोचिंग संस्थान में एक छात्रा की संदिग्ध मृत्यु शामिल है, और सीबीआई जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। निर्णय दो भागों में संरचित है: भाग ए विशिष्ट मामले के तथ्यों का पता लगाता है, जबकि भाग बी छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश और निर्देश स्थापित करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने छात्रों में बढ़ती आत्महत्याओं की प्रवृत्ति को एक प्रणालीगत विफलता के रूप में मान्यता दी है, जिसके लिए तत्काल संस्थागत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।
By Scoot Legal Translation and Transcription Servicesयह भारत के सर्वोच्च न्यायालय का एक निर्णय है, जो छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं और आत्महत्याओं की रोकथाम पर केंद्रित है। इसमें सुखदेव साहा बनाम आंध्र प्रदेश राज्य के मामले पर विचार किया गया है, जिसमें एक कोचिंग संस्थान में एक छात्रा की संदिग्ध मृत्यु शामिल है, और सीबीआई जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। निर्णय दो भागों में संरचित है: भाग ए विशिष्ट मामले के तथ्यों का पता लगाता है, जबकि भाग बी छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश और निर्देश स्थापित करता है। सर्वोच्च न्यायालय ने छात्रों में बढ़ती आत्महत्याओं की प्रवृत्ति को एक प्रणालीगत विफलता के रूप में मान्यता दी है, जिसके लिए तत्काल संस्थागत सुरक्षा उपायों की आवश्यकता है।