देव भूमि उत्तराखंड में माता सती का सिर गिरा था जिस स्थान पर उनके सर ने पिंड रूप धारण किया उसे सुरकंडा देवी शक्तिपीठ कहा गय। सुरकंडा देवी की पहाड़ी से बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री अर्थात चारों धाम की पहाड़ियां दिखाई देती है. गंगा दशहरा और नवरात्रि के मौके पर यहां दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और गंगा दशहरा के अवसर पर सुरकंडा माँ की डोली निकलती है जिसके दर्शन हेतु अनेकों लोग इकठ्ठे होते है। इस एपीसोड में सुनिए माता के प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में से इस अंग के दर्शनों की महिमा का महत्त्व।
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