Story Time, G Says Story

तभी माही ने देखा उसके कमरे में एक सुदर सा दिखाई देने वाला गठीला पहाड़ी लड़का अन्दर


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माही हिमाचल के पालमपुर के नजदीक एक गाँव में रहती है वह देखने में बहुत खूबसूरत है वह किसी फिल्म की अभिनेत्री की तरह लगती है परन्तु वह बहुत ही शर्मीली और कम बात करने वाली
वह भी और लड़कियों की ही तरह अभी और पढना और अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है
माही के घर में दादा दादी और पिता है माँ का स्वर्गवास हो गया था जब माही १२ साल की थी तब से दादी ने ही माँ की तरह पला है
पिता खेती करते हैं और समय मिलने पर पड़ोस के सेव के बगीचे में काम पर जाते हैं
दादा घर पर ही रहते हैं और चाहते हैं की उसके लिए अच्छा सा लड़का ढून्ढ जल्द से जल्द उसकी शादी कर दें
पर माहि अपनी पसंद के लड़के से शादी करने की पक्षधर है और वेसे भी शादी अभी उसकी प्रायोरिटी में नहीं है
माहि का सपना आईपीएस बन्ने का है उसने उसके सम्बन्ध में सारी जानकारी एकत्रित कर ली है और और उसके लिए तयारी भी करनी शुरू कर दी है
एक दिन की बात है जब सभी को एक रिश्तेदार की शादी में पालमपुर बाजार जाना था
माही बहुत खुश थी क्यूंकि आज वह शादी में अपने सभी चेरी ममेरी और फुफेरी बहनों से मिलने वाली थी और वे सब मिलकर शादी का आनंद लेने वाले थे वे सभी डांस करने वाले थे और विडियो रिकॉर्डिंग के साथ साथ सेल्फी भी लेने वाले थे
माहि अभी यह सोच सोच कर बहुत खुश हो रही थी की तभी गाड़ी का एक टायर निकल गया और गाड़ी अनियंत्रि हो कर एक गहरे खड्डे में गिर गयी
चारो और चीख पुकार मच गयी उस दिन उस टैक्सी में १२ लोग थे ड्राईवर और माहि को छोड़ कोई भी नहीं बच पाया था गाड़ी में माहि के पिता और दादा भी थे
शोभाग्य से माहि के घर पर एक गाय थी जो दूध देती थी उसकी देखभाल के चलते दादी नहीं आई थी इसलिए दादी बच गयी थी
माहि के हाथ और पैर में गंभीर चोट थी उसके सीधे हाथ और पैर में फ्राक्चर था माहि को डॉक्टर ने लगभग 2 महीने तक बएड रेस्ट की सलाह दी थी और उसे बताया था की वह जीवन में अब दौड़ भाग नहीं कर पाएगी माहि बहुत रोई क्यूंकि एक तो घर में अब कमाने वाला कोई नहीं बचा था और डॉक्टर ने भी ऊसके फिसिकल फिट होने पर प्रश्न चिन्न लगा दिए थे जो की उसके आईपीएस बन्ने में सबसे बड़ा रोड़ा बन गए थे
माही का अधिकतर समय अकेले में रोने में और अपने भाग्य को कोसने में जाने लगा
गोरी और सुन्दर अभ्निनेत्री की तरह दिखने वाली माहि अब किसी कुपोषित और कुरूप लड़की की तरह दिखने लगी थी
माही की आँखों के नीचे काले घेरे हो गए थे उसका वजन घट कर बहुत कम हो गया था एसा लगता था की शायद दादी से पहले ही मही इस दुनिया को अलविदा कह देगी डॉक्टर ने तो दो माह में उसके ठीक होने की बात की थी पर अब तो तीन माह हो गए थे और माही की हालत में कोई सुधर नहीं था
माही बहुत मायूस और जीने की चाह छोड़ चुकी थी और उसकी जीने की शायद कोई इच्छा ही नहीं थी वह अधिकतर समय अपने माँ और पिता को याद करती रहती थी और उनके पास जाने की बात करती रहती थी
दादी के पास भी कोई उपाय नहीं था की केसे अपनी पोती को फिर से हँसता खेलता देख पाए दादी जो पहले उसकी शादी के सपने देखती थी अब चाहती थी की किसी भी तरह से वह ठीक हो जाय चाहे उसके लिए प्रभु उसका जीवन ले लें
एक दिन मही जब उठ कर कमरे से बहार आई तो देखा दादी अचेत पड़ी है वह दादी के पास पहुंची माही बहुत घबरा गयी थी शायद दादी भी उसे छोड़ गायी थी उसने पास ही पड़ी पानी के बाल्टी से दादी के चेहरे पर थोड पानी के छींटे मारे
उसे थोडी शांति मिली जब दादी होश में आई माही को सोच सोच कर दादी भी परेशानी के कारन मुर्छित हो गयी थी
उसी दिन की बात है जब माही अपने कमरे में लेटी हुयी थी तब उसे किसी के बोलने की आवाज सुनी यह पड़ोस में रहने वाले घर से आ रही थी यह रेडियो पर कोई कार्यक्रम था
वह कोई प्रेरणादायक कार्यक्रम था उसमे उसदिन किसी महिला आईपीएस का इंटरव्यू था उस रेडियो कार्यक्रम की आवाज बहुत साफ़ सुनाई दे रही थी
उसने उस कहानी को धयान से सुना वह कहानी उत्तराखंड की पहली महिला DGP कंचन चौधरी भट्टाचार्य की थी वह किरण बेदी के बाद भारती की दूसरी इस औधे पर पहुँचने वाली महिला थी
उसने सुना की कंचन चौधरी भी हिमाचल में पैदा हुई थी वह भी हिमाचल की बेटी थी और उन्होंने भी अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखे थे जिसमे उन्होंने बताया था की जीवन में परेशानियाँ तो अति रहती हैं पर इस जीवन में विजय औ
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Story Time, G Says StoryBy Dheeraj Deorari