The Philosophy behind Om Chanting; एक ध्वनि जो गले से पैदा की जाती है वो मस्तिष्क के मध्य हिस्से को तीव्र गयी से प्रभावित करती है।
मेरे अपने अनुभव में आसन और प्राणायाम के अभ्यास से मस्तिष्क के neurones व जीन्स में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। आधुनिक विज्ञान के अनुसार यदि जींस मेन बदलाव कर दिया जाय तो व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन लाया जा सकता है। किंतु ध्वनि के माध्यम से जींस में परिवर्तन लाया जा सकता है। किंतु किस प्रकार का परिवर्तन यह साधक के ऊपर निर्भर करता है। ओम् ध्वनि में भावनात्मक पुट नहीं है इसीलिए ये थोड़ी देर के लिए निर्विचार करने में बहुत सहायक होती है।
इसको कुछ लोग धार्मिक गतिविधियों से अवस्य जोड़ते है पर इसका रहस्य कूच और ही है। किसी गुरु के निर्देशन में ही इसे किया जाना चाहिए ।