कोई भी देश अपने यहां के लोगों से बनता है और देश से प्यार की कोई एक तय सामूहिक परिभाषा भी नहीं हो सकती. देशप्रेम का सबका अपना अपना तरीक़ा है. लेकिन कुछ सूत्र हैं जो हमें जोड़ते हैं. कुछ प्रतीक हैं जिन्हें देखने और सुनने मात्र से हमारी धमनियों में उत्साह आ जाता है. हमारे देश का झंडा तिरंगा ऐसा ही तो करता है. तो आज हम अपने झंडे तिरंगे की बात करेंगे, उसका इतिहास और उसे ससम्मान फहराने के नियम क़ायदे, कुलदीप मिश्र के साथ.