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"गौड़ीय ग्रन्थों में केवल रस तत्त्व हैं, उसमें सिद्धान्त के विषय में नहीं बताया गया ।"
- यह प्रचलित धारणा है ।
क्या यह वास्तविकता है ?
श्रीश्री 108 शनीनन्दन जी महाराज इसका स्पष्टीकरण करते हैं ।
By SRI SRI 108 SHACHINANDAN JI MAHARAJ"गौड़ीय ग्रन्थों में केवल रस तत्त्व हैं, उसमें सिद्धान्त के विषय में नहीं बताया गया ।"
- यह प्रचलित धारणा है ।
क्या यह वास्तविकता है ?
श्रीश्री 108 शनीनन्दन जी महाराज इसका स्पष्टीकरण करते हैं ।