कुछ इच्छाएं जब तीव्र होती है और हम जाने अनजाने, बिना परिणाम की चिंता किये निर्णय ले लेते है।
ऐसे ही सब निर्णय के परिणाम जरूरी नहीं की अनुरूप हो, या प्रतिरूप हो, पर चुनाव करने के बाद उस से उत्पन्न होने वाले सभी घटनाक्रमों को अपनाना कैसे है, उसी पे यह कवता केंद्रित है। आनंद लीजिये
आपका उजाला