जिंदगी क्या है कुछ वक्त का एक कारवां है,
जो चल पड़ता है किसी अनजान मंजिल को पाने के लिए
समय के साथ साथ मंजिलें भी बदलती रहती हैं हर इंसान चाहता हैं की वो जिंदगी अच्छे से जिए, लेकिन लाइफ कभी-कभी ऐसा करवट ले लेती हैं की इंसान फिर जिंदगी जीता नहीं, सिर्फ काटते रहता हैं। और ऐसे समय में उन्हें लगता हैं की ये मेरा दोष नहीं बल्कि किस्मत का दोष हैं। मेरा किस्मत में ही ऐसा लिखा हैं। उन्हें लगता है कि उनकी खुशी और दुख, दोनों ही किस्मत के हाथों हैं। इसलिए वे खुद अपने सुख-दुख पर नियंत्रण रखने की कोशिश भी नहीं करते, लेकिन यह तो गलत है ना! आप चाहें तो अपनी किस्मत के सितारों को बदल सकते हैं। हाँ ये बात हैं की जितना टाइम बीत गया उसे वापस नहीं ला सकते हैं पर जो वक्त बचा हैं उसे तो अच्छी तरह से एन्जॉय कर सकते हैं।