मनुष्य , मनुष्यों में पुरुष, पुरुषोंमें ब्राह्मण, ब्राह्मणों में भी वेदनिष्ठा, वैदिकों में विद्वत्ता। विद्वानों में भी आत्मा-अनात्मा का विवेचन करने वाली बुद्धि से सम्पन्न होना - यह सब करोणों जन्मों के पुण्य के परिपक्व होने पर ही होता है।
मनुष्य , मनुष्यों में पुरुष, पुरुषोंमें ब्राह्मण, ब्राह्मणों में भी वेदनिष्ठा, वैदिकों में विद्वत्ता। विद्वानों में भी आत्मा-अनात्मा का विवेचन करने वाली बुद्धि से सम्पन्न होना - यह सब करोणों जन्मों के पुण्य के परिपक्व होने पर ही होता है।