वेदान्त,एपिसोड 532. अपरोक्षानुभूतिः, श्लोक 18 की व्याख्या (3) विचार चन्द्रोदय 3/58-73. *सूक्ष्म शरीर का विश्लेषण। *पाँच ज्ञानेन्द्रियों, पांच कर्मेन्द्रियों, पाँच प्राण और मन तथा बुद्धि - इन 17 तत्वोंके संगठन से सूक्ष्म शरीर बनता है। यह सत्रहों तत्व अपंचीकृत पंचमहाभूतों के कार्य हैं। "मैं" इस सत्रह तत्वों की सक्रियता और निष्क्रियता को जानता हूँ। इसलिये "मैं" इन सत्रह तत्वों में से कोई नहीं ,और इन सत्रह तत्वों में से कोई भी मेरा नहीं। यह अपने अपने जनक महाभूतों के हैं। "मैं" इनको जानने वाला हूँ और इनसे अलग हूँ। क्योंकि, ज्ञाता और ज्ञेय एक नहीं हो सकते।