Mukesh Kumar Soni

वह आदमी था


Listen Later

दूर-दूर कितना भी देखा,
 जो दिखा वह आदमी था।
 ढूंढ कर मुझको मिला जो,
वह भी मुझसा आदमी था।
जाता मैं आखिर कहां,
हर जगह तो आदमी था।
कुछ पल रहा साथ जिसकेे,
वह तो सहमा आदमी था।
मुझको दिया जो ख्वाब सुंदर,
एक सजीला आदमी था।
तोड़ा जो ख्वाबों को मेरे,
संघ दिल वह आदमी था।
दे दिया मुझको सहारा,
वह रहम दिल आदमी था।
राह को खंदक किया जो,
बेरहम वह आदमी था।
बात मेरी अच्छी लगी तो
हंस दिया वह आदमी था।
जब भी मैं प्रतिकूल बोला,
तिल मिलाया आदमी था।
मिल गया था साथ जिसका,
वह तो प्यारा आदमी था।
छोड़कर तन्हा किया जो,
बेवफा वह आदमी था।
MUKESH KUMAR SONI
NET Qualified in Yoga
M.A. in Yoga,M.A. in Hindi,
Post Graduate in Yoga and Naturopathy
M-9836783469,9088102430.
...more
View all episodesView all episodes
Download on the App Store

Mukesh Kumar SoniBy Mukesh Kumar Soni