Poetry Collection

Village | poetry on village | ganv


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Poetry on village , poem on village , kavita ganv ,. मैं गांव का रहने वाला हुँ,मैं गांव में रहने वाला हुँ।
है देश मेरा प्यारा भारत,है गावों का ये देश बड़ा।
बातें करूँ क्या गावों की,है सुख,शांति ,ऐश्वर्य यहां।
यहा देश को पाला जाता है,और देश सम्भाला जाता है।
"जय जवान-जय किसान"का नारा गांवो में गाया जाता है।
यहाँ औरों में भेद नहीं अपनो जैसे सब प्यारे हैं।
बात करूँ त्योहारों की तो यहाँ त्योहार मनाया जाता है।
सब साथ में आते है फिर मिल कर दीप जलाया जाता है ।
होली का त्योहार यहाँ रंगों से मनाया जाता हैं।
रंगों में भेद नही हरा केशरिया साथ उड़ाया जाता हैं।
यहाँ प्यार बाटते फ़िरते हैं,यहाँ न्याय बाटते फ़िरते है।
यहां धर्म नही है अपनो में,यहां भय नही हैं अपनो से ।
यहा चच्चा अजान पढ़ते है,बच्चा मंदिर का दीप जलाता है।
ना शहरों सा शोर यहा,यहाँ ना सोने की भठ्ठी है।
ये इंकलाब का नारा है,और ये मिट्टी सबको प्यारा है। https://www.youtube.com/watch?v=ZYM-mAzpUGA
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Poetry CollectionBy pratilekh


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