वो कोई और बात थी तुम्हारे चहरे की चमक लाजवाब थी तुम्हारे बात करने का अंदाज ख़ास था सालो पहलें तुम्हे देखा था लगाता है जैसे कल ही की बात थीं कल ही तो हम मिले थे ना जाने इन 24 घंटो मैं ऐसा क्या हो गया की जिसके लिए जिया करते थे हम वही बेवफा हो गया
- Sakshi R singh