World Vs Lord/Reality of Life/संसार का शहर /How to live in the world?
हम संसार में जीते हुए कहीं जीवन की सच्चाई से जान बूझकर अंजान हो अपनी बनाई ख्यालों की दुनिया में खोए रहते है और दुखी सुखी होते रहते हैं,केवल आध्यात्मिक गुरु ही हमें इस चक्रव्यूह से निकाल सकता है।
World Vs Lord/Reality of Life/संसार का शहर /How to live in the world?
हम संसार में जीते हुए कहीं जीवन की सच्चाई से जान बूझकर अंजान हो अपनी बनाई ख्यालों की दुनिया में खोए रहते है और दुखी सुखी होते रहते हैं,केवल आध्यात्मिक गुरु ही हमें इस चक्रव्यूह से निकाल सकता है।