ये कहानी है स्तुति है की स्तुति बहुत ही सुन्दर गोरी और लम्बी लड़की है जो भी उसे देखता है तो देखता ही रह जाता है
माँ और पिता पढाई का महत्वा जानते हैं इसलिए बहुत कठिन प्रयास कर अपने तीनो बच्चों को पढ़ा रहे हैं स्तुति MA में है और उसके छोटे भाई बहन १० वीं और १२ वीं में हैं स्तुति के पिता किसान हैं और माँ गृहणी हैं
आज पिता माँ का सोने का गुलोबंद जो की लगभग 1 साल से गिरवी था छुड़ा लायें है पिता ने खेती के लिए गुलोबंद को गिरवी रखा था माँ को अपना गुलोबंद बहुत पयारा है माँ उसे देखा बहुत खुश हुयी उनके पास एकमात्र यही आभूषण असली है बाकि सब नकली हैं.
पिता माँ से बात कर रहे थे
इस बार बहुत कम बारिश की वजह से जंगली जानवरों ने जंगल छोड़ खेतों की और रुख कर लिया है और फसल को बहतु नुकसान पहुँचा रहे हैं इस बार खेत पर और अधिक रखवाली करनी होगी
स्तुति को इस बात की बहुत पीड़ा है की वह एक गरीब परिवार में पैदा हुई है उसके मित्र रोज कॉलेज में बहुत ही स्टाइलिश और अच्छे कपडे पहन कर आते है हैं और वह मजबूरी के चलते कॉलेज की ड्रेस जो की सफ़ेद सलवार कुरता पहनना पड़ता है
हालाँकि की स्तुति अपने कॉलेज ड्रेस में भी बहुत सुन्दर लगती है पर फिर भी उसे कॉलेज की ड्रेस बिलकुल भी पसनद नहीं वह भी अपने दोस्तों की तरह जीन्स,टॉप और बूट पहनना चाहती है
उसके सभी दोस्तों के पास स्मार्ट फोन हैं और उसके पिता ने उसे एक सामान्य सा फ़ोन दिया है जो केवल कॉल करने के कम ही आता है इसलिए स्तुति उसे अपने बैग में छुपा कर और म्यूट कर के रखती है उसे उसे इस्तेमाल करने में बहतु शर्म अति है उसके कभी फ़ोन करना भी होता है तो वह दोस्तों के फ़ोन से कॉल कर लेती हैं उसके किसी भी दोस्त को नहीं पता की स्तुति के पास फ़ोन भी है
पढाई में स्तुति अपने कॉलेज में सब पर भरी थी वह अपने क्लास की सबसे होनहार बालिका है
एक बार की बात है की कॉलेज की तरफ एक एजुकेशन टूर देहरादून जाना था
कॉलेज में प्रोफेसर ने बताया की उन्हें अपने कॉलेज ड्रेस के अलावा दुसरे कपडे भी साथ रखने होंगे साथ ही एजुकेशन टूर के दौरान जो कुछ भी देखो उसकी फोटो और विडियो रिकॉर्डिंग भी करनी है जिसे से की वापस लौटने के बाद आप अपनी रिपोर्ट बना और जमा करवा सको जिसके आपको अंक प्राप्त होंगे
स्तुति बहुत खुश हो गयी उसका सपना देहरादून देखने का तो था ही और वेसे भी यह पहला अवसर था जब वह अपने जनपद से कहीं बहार रहेगी और अपने दोस्तों के साथ मजे करेगी वह इस बात को सोच सोच कर बहतु ही रोमांचित हैं
परन्तु यह खबर उसके लिए कुछ मायूशी भी लेकर आया स्तुति के पास फोटो खीचने और विडो रिकॉर्डिंग के लिए स्मार्ट फ़ोन नहीं है और ना ही उसके पास अपनी स्कूल ड्रेस के अलावा कोई इसे कपडे जिन्हें पहन कर वह उस टूर पर जा सके
पिता के पास इतने पैसे नहीं की उसे दो जोड़ी नए कपडे दिलवा सकें तो मोबाइल के विषय में सोचना तो सपनो की बात है परन्तु उसने फिर भी अपने स्कूल की एजुकेशन टूर की बात माँ को बता दी और उसे मोबाइल और नए कपड़ों की अवास्कता है यह भी बता दिया है
माँ ने पिता से उस विषय में बात की थी पर पिता ने नए जोड़ी कपडे और टूर के लिय कुछ पैसों का इन्तेजाम करने की बात तो स्वीकार ली परन्तु स्मार्ट फोने के लिए असमर्थता जाता दी
स्तुति अपने परिवार के स्तिथि के बारे में सब समझती है
उसने माँ से बात की
माँ मै चाहती हूँ की कुछ भी करके मुझे एक मोबाइल फ़ोन कम से कम एजुकेशन टूर के लिए ही मिल जाये तो मै अपना प्रोजेक्ट पूरा कर पाऊँगी
(स्तुति के पड़ोस में रहने वाले पडोसी अंकल की मोबाइल की शॉप है)
माँ यदि पापा अंकल से बात करके कुछ दिन के लिए मोबाइल का इन्तेजाम करवा दें तो ?
स्तुति को सोमवार को जाना है और आज रविवार है उसे अपनी सभी पैकिंग भी करनी है
जब माँ ना स्तुति की इच्छा पिता को बताई तो पिता ने साफ़ मन कर दिया उन्होंने थोडा नाराज होते हुए बोले
देखो स्तुति पैर उतने ही पसारने चाहिए जितने चादर लम्बी हो
मै यह जरूर कहता हूँ की सपने ऊंचे और बड़े देखो पर उसका मतलब यह नहीं की तुम जीवन में शोर्टकट लेकर कोई चीज प्राप्त करों क्यूंकि शॉर्टकट से प्राप्त चीज न तो तुमको वो ख़ुशी दे पाएगी और न ही उस ख़ुशी की उम्र लम्बी होगी
मै चाहता हूँ की पहले तुम उस चीज के लायक बनो और फिर उस चीज को प्राप्त करो
पता है आज के युग में एक अच्छी नौकरी पाना युद्ध लड़ने जैसा है अपना ध्यान उस युद्ध को जीतने पर लगाओ अपना लक्ष्य बड़ा रखो समझे फ़ोन क्या चीज है फिर तुम जो चाहो खरीद सकते हो स्तुति ने नौकरी के लिए कई फॉर्म भी भरे हैं
स्तुति मन मशोस के रह गई वेसे तो स्तुति बहुत ही अग्यांकारी है परन्तु आज उसे पिता की बात मानने का बिलकुल भी नहीं कर रहा है उसने माँ को बोला
माँ पापा के ज़म