* ध्यान की विशेष विधि। शरीर के प्रत्येक अंग में परमात्मा का चिन्तन।
* खाये हुये अन्न का पाचन, श्वासोच्छ्वास इत्यादि की प्रक्रिया।
* मुक्ति का उपाय है बन्धन को जान लेना। ज्ञान ही मुक्ति है।
* देवता मनुष्यों से इस बात के लिये ईर्ष्या करते हैं कि मनुष्यों को ज्ञान प्राप्तकर मुक्ति का अवसर सुलभ है।