Sign up to save your podcastsEmail addressPasswordRegisterOrContinue with GoogleAlready have an account? Log in here.
March 21, 2021योग-वेदान्त।एपिसोड 277. अनुगीता 22 - ब्राह्मणगीता-5. पाँचों प्राणों का पारस्परिक विवाद।11 minutesPlay* पांचों प्राणों में से प्रत्येक परस्पर अन्य प्राण के अधीन हैं, अतः सभी समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं।*समाजव्यवस्था भी पांच प्राणों की भांति परस्पर आश्रित है। किसीको श्रेष्ठता का अभिमान नहीं करना चाहिये।...moreShareView all episodesBy Sadashiva Brahmendranand SaraswatiMarch 21, 2021योग-वेदान्त।एपिसोड 277. अनुगीता 22 - ब्राह्मणगीता-5. पाँचों प्राणों का पारस्परिक विवाद।11 minutesPlay* पांचों प्राणों में से प्रत्येक परस्पर अन्य प्राण के अधीन हैं, अतः सभी समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं।*समाजव्यवस्था भी पांच प्राणों की भांति परस्पर आश्रित है। किसीको श्रेष्ठता का अभिमान नहीं करना चाहिये।...more
* पांचों प्राणों में से प्रत्येक परस्पर अन्य प्राण के अधीन हैं, अतः सभी समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं।*समाजव्यवस्था भी पांच प्राणों की भांति परस्पर आश्रित है। किसीको श्रेष्ठता का अभिमान नहीं करना चाहिये।
March 21, 2021योग-वेदान्त।एपिसोड 277. अनुगीता 22 - ब्राह्मणगीता-5. पाँचों प्राणों का पारस्परिक विवाद।11 minutesPlay* पांचों प्राणों में से प्रत्येक परस्पर अन्य प्राण के अधीन हैं, अतः सभी समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं।*समाजव्यवस्था भी पांच प्राणों की भांति परस्पर आश्रित है। किसीको श्रेष्ठता का अभिमान नहीं करना चाहिये।...more
* पांचों प्राणों में से प्रत्येक परस्पर अन्य प्राण के अधीन हैं, अतः सभी समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं।*समाजव्यवस्था भी पांच प्राणों की भांति परस्पर आश्रित है। किसीको श्रेष्ठता का अभिमान नहीं करना चाहिये।