इस एपिसोड में -
* योग और वेदान्त सहयात्री अथवा परस्पर पूरक हैं।
* पृथिवी आकाश इत्यादि पञ्चमहाभूत समस्त प्राणियों की उत्पत्ति और लय के स्थान हैं। जो जिससे उत्पन्न होता है , उसी में लीन होता है।
* परमात्मा समुद्र है और सृष्टि उसकी लहरें हैं।
* पांचों महाभूतों के गुण अथवा कार्य का विवरण।
* मन
* इन्द्रियां मन के साथ मिलकर ही अपने अपने विषयों का ज्ञान कराती हैं।
* एक इन्द्रिय दूसरी इन्द्रिय के साथ नहीं मिल सकती किन्तु मन के साथ सभी का मिलना अनिवार्य है।
* पांच इन्द्रियां , मन, बुद्धि और क्षेत्रज्ञ - यह आठ हैं । क्षेत्रज्ञ ही आत्मा है। वही जानने वाला है और वही ज्ञातव्य भी है।
* अपनी चीजों को जानना है और क्रमशः अपनी चीजों को जानते हुये अपने शरीरको और अपने आपको जानना है।
* पहले शरीर संरचना (Human Anatomy) को जानिये। अपने साढे़ तीन हाथ के शरीर को नहीं जान सके तो ब्रह्माण्ड को कैसे जानेंगे ?